“हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ – एक पेड़ मां के नाम” थीम पर होगा अभियान
देहरादून: उत्तराखंड सरकार इस वर्ष हरेला पर्व 2025 को खास बनाने की पूरी तैयारी में जुटी है। 16 जुलाई को आयोजित होने वाले इस पर्व पर प्रदेश भर में एक दिन में पांच लाख पौधे रोपित किए जाएंगे। इससे पहले वर्ष 2016 में दो लाख पौधों का रोपण किया गया था, जिसे इस बार ढाई गुना बढ़ाकर नया कीर्तिमान स्थापित करने की योजना है।
गढ़वाल और कुमाऊं में होगा बड़ा पौधारोपण अभियान
पौधरोपण अभियान के तहत गढ़वाल मंडल में तीन लाख और कुमाऊं मंडल में दो लाख पौधे लगाए जाएंगे। शासन स्तर पर इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। हर जिले में संबंधित जिलाधिकारी नोडल अधिकारी होंगे, जो कार्यक्रम की निगरानी और क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
इसे भी पढ़ें: “ऑपरेशन कालनेमि” की बड़ी सफलता: देहरादून पुलिस ने पकड़े 25 ढोंगी बाबा, बांग्लादेशी नागरिक भी गिरफ्तार।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस बार हरेला पर्व की थीम “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ – एक पेड़ मां के नाम” रखी गई है। इस विषय के माध्यम से सरकार न केवल पौधरोपण को बढ़ावा देना चाहती है बल्कि लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करना चाहती है। मुख्यमंत्री ने इसे भावी पीढ़ियों के लिए एक “हरित धरोहर” बताया है।
फलदार पौधों को मिलेगा विशेष स्थान
इस अभियान में 50 प्रतिशत पौधे फलदार प्रजातियों के होंगे। इनका रखरखाव स्थानीय ग्रामीणों, वन पंचायतों, महिला/युवा मंगल दलों और लाभार्थियों के सहयोग से किया जाएगा। हर परिवार को दो पौधे देने का प्रावधान भी किया गया है, जिससे आम नागरिक भी सीधे तौर पर इस अभियान में भाग ले सकें।
कार्यक्रम के पहले तीन दिनों में 50 प्रतिशत पौधों को रोपित करने का निर्देश भी दिया गया है। प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु ने सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
जनप्रतिनिधियों की भागीदारी पर सीमित निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि ग्रामीण पंचायत क्षेत्रों में होने वाले राजकीय कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधि अतिथि के रूप में शामिल नहीं हो सकेंगे और न ही वे निःशुल्क पौध वितरण कर सकेंगे। हालांकि, नगर क्षेत्रों, वन क्षेत्रों और हरिद्वार जिले में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता को अनुमति दी गई है। अधिकारी और कर्मचारी पौध वितरण कर सकेंगे।
इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड में मना CSC दिवस 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया सीएससी वीएलई पुरस्कार वितरण।
हर जिले में डीएफओ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है जो निःशुल्क पौध की व्यवस्था करेंगे। एक समिति के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों का चयन कर वहां पौधरोपण किया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री का आह्वान: यह केवल पौधरोपण नहीं, एक जनआंदोलन है
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और जिम्मेदारी का प्रतीक है।” उन्होंने इसे “उत्तराखंड की लोक संस्कृति, आस्था और पर्यावरण संरक्षण का उत्सव” बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में यह अभियान एक पेड़ मां के नाम केवल एक संदेश नहीं, बल्कि जनआंदोलन का रूप है।
हरेला पर्व 2025 उत्तराखंड के लिए केवल पर्यावरणीय पहल नहीं, बल्कि संस्कृति, सहभागिता और भविष्य के लिए एक हरित संदेश है। पांच लाख पौधों का एक साथ रोपण न केवल राज्य को हरियाली की ओर ले जाएगा, बल्कि भावी पीढ़ियों को एक स्वस्थ, स्वच्छ और सुंदर उत्तराखंड का उपहार देगा।